Prof. Rameshwar Sharma

पूजनीय गुरुदेव आचार्य महामण्डलेश्वर जूनापीठाधिकारी स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज जी के श्री चरणो में असीम कोटि कोटि प्रणाम

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः

Pro. Rameshwar Sharma
वर दे, वीणावादिनि वर दे!
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे!
काट अंध-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे!
नव गति, नव लय, ताल-छंद नव नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे!
वर दे, वीणावादिनि वर दे।

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